जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और नौ अन्य लोगों को अदालत ने समन जारी किया है. इन सभी के खिलाफ साल 2016 के जेएनयू देशद्रोह मामले में अभियोजन स्वीकृति मिलने के एक साल बाद दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को आरोप पत्र का संज्ञान लिया और सभी आरोपियों को 15 मार्च को तलब किया है.पुलिस ने अपने आरोप पत्र में दावा किया कि कुमार ने एक जुलूस का नेतृत्व किया और समर्थन किया. पुलिस का दावा है कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी देने वाले दिन आयोजित किये गये एक कार्यक्रम के दौरान कुमार ने आरोपी अन्य लोगों के साथ 9 फरवरी, 2016 को जेएनयू परिसर में देश विरोधी नारे लगाए.इन लोगों के खिलाफ जारी हुआ समन. मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (पटियाला हाउस कोर्ट) डॉ. पंकज शर्मा ने कुमार, सैयद उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य, अकीब हुसैन, मुजीब हुसैन गट्टू, मुनीब हुसैन गट्टू, उमर गुल, रईस रसूल, बसारत अली और खालिद बशीर भट्ट के खिलाफ आरोप पत्र का संज्ञान लिया. इस दौरान जज ने कहा, ‘अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी गृह विभाग, (दिल्ली सरकार) द्वारा पहले ही दायर कर दी गई है. आरोप पत्र को गंभीरता से पढ़ने के बाद सभी आरोपी व्यक्तियों को तलब किया गया है. मुकदमे का सामना करने के लिए उन्हें 15 मार्च 2021 को तलब किया गया है.आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 124 A (देशद्रोह), 323, 465 (जालसाजी), 471 , 143, 149, 147 (दंगा) और 120 बी (आपराधिक साजिश) लगाई गई है. ट्रायल शुरू करने का आदेश पिछले साल मिला है. पुलिस ने दावा किया कि मंजूरी ना मिलने के चलते ट्रायल रुका हुआ था. दूसरी ओर भाजपा के कई नेताओं ने AAP पर आरोप लगाया कि वह छात्रों का बचाव कर उनके खिलाफ ट्रायल के आदेश नहीं दे रही.पिछले साल 5 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए एक रैली में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि अगर भाजपा को वोट मिला तो वह कुमार और खालिद और शरजील इमाम के खिलाफ ट्रायल की मंजूरी सरकार बनने के एक घंटे के भीतर देंगे. इसके बाद 27 फरवरी को अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली AAP सरकार ने पुलिस को आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी.
प्रियंका की रिपोर्ट.