पटना, २३ अप्रैल। सूक्ष्म और आंतरिक आध्यात्मिक साधना-पद्धति ‘इस्सयोग’ के प्रवर्त्तक तथा अन्तर्राष्ट्रीय इस्सयोग समाज के संस्थापक ब्रह्मलीन सदगुरुदेव महात्मा सुशील कुमार के १८ वें महानिर्वाण-दिवस पर, प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाला दो दिवसीय महोत्सव इस वर्ष वदली हुई परिस्थिति में एक अलग हीं रूप में मनाया जा रहा है। पिछले वर्षों में जब इस महोत्सव में दुनिया भर से हज़ारों की संख्या में इस्सयोगी पटना गुरुधाम में एकत्र होते थे, इस वर्ष यह महोत्सव दुनिया भर के सभी इस्सयोगी अपने-अपने घरों में आंतरिक साधना कर श्रद्धा-भक्ति से मना रहे हैं। दो दिनों के इस महोत्सव का आरंभ,गुरुवार की संध्या कंकड़बाग स्थित गुरुधाम में, संस्था की अध्यक्ष और ब्रह्मनिष्ठ सद्ग़ुरुमाता माँ विजया जी द्वारा दीप-प्रज्वलन तथा सदगुरुदेव की मूर्ति पर माल्यार्पण कर किया गया। संध्या ६ बजे से आह्वान-साधना के साथ आरंभ हुए १८ घंटे की ‘अखण्ड-साधना’ का यह अनुष्ठान शुक्रवार को १२ बजे संपन्न होगा।
यह जानकारी देते हुए, संस्था के संयुक्त सचिव डा अनिल सुलभ ने बताया है कि अमेरिका के न्यूजर्सी में संस्था के उपाध्यक्ष पूज्य बड़े भैय्या श्रीश्री संजय कुमार, इंग्लैंड में डा जेठानंद सोलंकी तथा डा दार्शनिका पटेल, नई दिल्ली में संस्था के सचिव कुमार सहाय वर्मा, पटना में डा अनिल सुलभ, गुरूग्राम में संगीता झा ने संध्या ६ बजे से अखण्ड-साधना का आरंभ किया। संस्था के संयुक्त सचिव छोटे भैय्या संदीप कुमार गुप्ता एवं नीना दूबे मुंबई में, शिवम् झा, रमा देवी, एल पी साहू, दीनानाथ शास्त्री, अनंत कुमार साहू, सरोज गुटगुटिया, श्रीप्रकाश सिंह तथा कपिलेश्वर मंडल समेत कार्यकारिणी के अन्य सदस्यों को अलग-अलग स्थानों पर साधना में बैठने का निर्देश माताजी द्वारा दिया गया है। सभी देशों के अन्य इस्सयोगी गुरुवार की संध्या ६ बजे से शुक्रवार के दिन १२ बजे तक, अपनी सुविधानुसार कमसेकम १ घंटे की साधना कभी भी कर सकते हैं। सबको आह्वान की साधना के लिए बैठने का निर्देश भी दिया गया है। इस बीच संध्या पौने आठ से सवा आठ तक होने वाली जगत-कल्याण की साधना में ‘कोरोना’ के वैश्विक प्रकोप से मुक्ति के लिए भी संकल्प लिया गया।
पटना गुरुधाम की व्यवस्था का दायित्व संस्था के संयुक्त सचिव (मुख्यालय) ई उमेश कुमार तथा प्रभात झा को सौंपा गया है।
कौशलेन्द्र पाण्डेय.