अनुज मिश्रा साथ मे प्रिया सिन्हा -संपादक
देवभूमि हिमाचल का अब रूप बदलने वाला है… जी हां, ग्लोबल इन्वेस्टर मीट से देवभूमि हिमाचल में उम्मीदों को पंख लगने जा रहे हैं। बता दें कि चार बड़े सेक्टर से सहित सभी क्षेत्रों में लगभग 82 हजार करोड़ के निवेश प्रस्तावों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में मुहर लग गई है।
खुशी की बात यह है कि हिमाचल के गठन के बाद पहली बार देवभूमि पर निवेश को लेकर इतने बड़े सम्मेलन को आयोजित किया जा रहा है। यही नही, इन्वेस्टर मीट के लिए अभी तक 583 एमओयू साइन हो चुके है जिसमें 82,344 करोड़ के निवेश की संभावनाएं देखी जा रही हैं।
इसी के साथ जयराम सरकार इन एमओयू के दम पर सूबे के लगभग पौने दो लाख लोगों को रोजगार देना अपेक्षित रख रही है। इन्वेस्टर मीट से पहले जयराम सरकार ने हिमाचल में छह नई नीतियां इसी साल बनाई हैं, इनमें उद्योग, पर्यटन, फिल्म, आयुष, ऊर्जा और आईटी एंड आईटीस नीति-2019 शामिल हैं। ऊर्जा के 15 एमओयू से 27,812 करोड़, पर्यटन के 192 एमओयू से 14,955 करोड़, उद्योग के 207 एमओयू से 13,682 करोड़ और हाउसिंग के 32 एमओयू से 12,277 करोड़ निवेश होने की संभावना है।
बताते चलें कि हिमाचल प्रदेश पूरे देश में बेहतर शिक्षा, पर्यावरण, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जाना जाता है। शिक्षा में हिमाचल का नाम सबसे ऊपर आता है। पर्यावरण और स्वास्थ्य सेवाओं में दूसरे स्थान पर है हिमाचल प्रदेश। कानून व्यवस्था भी देश के सभी राज्यों की अपेक्षा बेहतर है यहां।