पटना, २ दिसम्बर । “अंग नहीं तो क्या ग़म है, हम किसी से क्या कम हैं! —– “दया नहीं अधिकार चाहिए! हमें थोड़ा सा प्यार चाहिए।” , आदि नारों के साथ आज विकालांग जनों न... Read more
पटना , १ अक्टूबर। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ को, उनके अनुशासित, कल्याणकारी और प्रेरणास्पद व्यक्तित्व और विशद साहित्यिक अवदान के लिए, प्रेरणा सम्मान से विभूषित किया... Read more
पटना, २९ सितम्बर। बिहार एजूकेशनल रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट संस्थान के तत्त्वावधान में, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ७१ वें जन्मोत्सव पर, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में, एक समारोह आयोजित... Read more
३१ मार्च। उदितमान सूर्य को अर्घ्य-दान के साथ सूर्योंपासना का अत्यंत महनीय पर्व सूर्य-सष्टि व्रत आज संपन्न हो गया। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने अपने घर पर आहूत। लोक... Read more
पटना, ७ मार्च। भारत की सबसे बड़ी पूँजी देश की युवा शक्ति है। यदि इनकी प्रतिभा और श्रम का सदुपयोग शतप्रतिशत किया जा सके तो भारत को विश्व के समृद्धतम राष्ट्र होने से कोई नही रोक सकता। यह हमारा... Read more
पटना, २२ जनवरी। ब्रह्म–तेज़ प्राप्त करने वाले महान संत रविदास एक ऐसे महात्मा थे जिन्होंने यह सिद्ध किया कि ब्रह्म–तत्व को प्राप्त करना हर उस व्यक्ति के लिए संभव है, जो मन–प... Read more
पटना, १८ फ़रवरी। हिंदी साहित्य में अतुल्य अवदान देनेवाले तथा काव्य में प्रपद्य–वाद के प्रवर्त्तक आचार्य नलिन विलोचन शर्मा आलोचना–साहित्य के शिखर–पुरुष थे। वे न होते तो श्रे... Read more
पटना, १७ फ़रवरी। पेशे से अभियंता, हृदय से कवि और विनम्र समाजसेवी थे हृषीकेश पाठक। वे एक संवेदनशील और प्रतिभावान कवि थे। समाज को प्रेरित करने वाली उनकी रचनाओं में लोक–पीड़ा और उनके प्रत... Read more
पटना, १५ फ़रवरी। कविता हृदय के घावों को हीं नहीं भरती, मन प्राण को नवीन ऊर्जा भी प्रदान करती है। इसमें प्राण–दायी शक्ति है। गीत और संगीत हीं मन की मलीनता को दूर कर मनुष्य को ‘मनु... Read more
पटना, ९ फ़रवरी। भारतीय–दर्शन में आधुनिक–समाज की सभी समस्याओं का निदान और सभी प्रश्नों के उत्तर अंतर्निहित हैं। यह मानव–समुदाय की एक ऐसी पूँजी है, जिस पर देव–तुल्य मनु... Read more
पटना, ३० जनवरी। महाकवि जयशंकर प्रसाद एक युग–प्रवर्त्तक साहित्यकार थे, जिन्होंने एक साथ, कविता, कहानी, उपन्यास और नाटक लेखन के क्षेत्र में हिन्दी साहित्य को गौरवान्वित करने वाली, विश्व... Read more
कौशलेन्द्र पाण्डेय, पटना, १८ जनवरी। हिन्दी भाषा के उन्नयन में भारत के जिन महानुभावों ने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया, उनमें एक अत्यंत आदरणीय नाम डा लक्ष्मी नारायण सिंह ‘सुधांशु... Read more