विकास कुमार सिंह/अहमदाबाद मुख्य ब्यूरो। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज गुजरात विद्यापीठ के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गुजरात विद्यापीठ केवल एक शैक्षणिक संस्था नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र निर्माण, स्वदेशी भावना और आत्मनिर्भरता के जीवंत आदर्शों का ऐतिहासिक प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह वही पवित्र स्थल है जहां महात्मा गांधी ने शिक्षा को राष्ट्र सेवा और स्वावलंबन से जोड़ने का प्रयास किया था।
राष्ट्रपति मुर्मु ने अपने संबोधन में कहा कि गुजरात विद्यापीठ का परिसर हमारे स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरक स्मृतियों से जुड़ा है। यह स्थान सत्य, अहिंसा, स्वराज और स्वावलंबन जैसे उन मूल्यों का केंद्र रहा है, जिनकी नींव राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने रखी थी। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर महात्मा गांधी की पावन स्मृति को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि नई पीढ़ी के युवाओं को गांधी विचारधारा से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना चाहिए।
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आज का भारत तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है और ऐसे समय में शिक्षित युवा देश की उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत, वोकल फॉर लोकल और राष्ट्रहित सर्वोपरि की भावना को जीवन में अपनाने का आह्वान किया।
कार्यक्रम के दौरान गुजरात विद्यापीठ के कुलाधिपति, कुलपति, प्राध्यापकगण, छात्र-छात्राएँ और विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।
(स्रोत: President of India / PIB)
रिपोर्ट: कंट्री इनसाइड न्यूज एजेंसी





























