जद (यू) प्रदेश प्रवक्ता श्री हिमराज राम, प्रदेश प्रवक्ता श्री परिमल कुमार एवं पार्टी मीडिया पैनलिस्ट डॉ मधुरेंदु पांडेय ने मीडिया में जारी बयान में विपक्षी महागठबंधन पर तीखा हमला बोला और कहा कि विधानसभा चुनाव 2025 की शुरुआत के साथ ही महागठबंधन की पोल खुल चुकी है। सीटों को लेकर जिस तरह का घमासान आरजेडी और कांग्रेस के बीच चल रहा है, उसने यह साफ कर दिया है कि इनके लिए बिहार की जनता नहीं, बल्कि अपनी-अपनी कुर्सी और परिवार की राजनीति सबसे ऊपर है।
विपक्षी महागठबंधन पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अपने-अपने राजनीतिक स्वार्थ में डूबे इस गठबंधन को जनता ने नकार दिया है। तेजस्वी यादव का मुख्यमंत्री पद पर कब्ज़ा जमाने का लालच और कांग्रेस का इसे मानने से इनकार – यह दोनों दलों के अवसरवाद और लालच का खुला सबूत है। कांग्रेस खुद जानती है कि आरजेडी का नेतृत्व सीमित जातीय वोटों पर टिका है, जबकि आरजेडी मानती है कि बिना परिवारवाद और जातीय समीकरण की राजनीति किए उनका अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा।
वहीं भाकपा द्वारा महागठबंधन में बिना सीटों की सहमति के ही उम्मीदवार घोषित करना इस बात का संकेत है कि महागठबंधन का ढांचा अंदर से पूरी तरह खोखला हो चुका है। छोटे सहयोगी दल भी अब आरजेडी और कांग्रेस की मनमानी बर्दाश्त करने को तैयार नहीं हैं। बिहार की जनता इस तरह की बिखरी, लालची और सत्ता-लोलुप जमात को कभी स्वीकार नहीं करेगी। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि महागठबंधन के नेता आपस में सीटें बाँट नहीं पा रहे, तो वे बिहार को कैसे संभालेंगे? मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में एनडीए ने बिहार को विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और रोज़गार के क्षेत्र में आगे बढ़ाया है। जबकि विपक्ष केवल झगड़ा, भ्रम और जात-पात की राजनीति पर टिका हुआ है।
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब परिवारवाद और कुर्सी की राजनीति को ठुकराकर एक बार फिर स्थिरता और विकास की राजनीति को चुनेगी और महागठबंधन की कलह ही उनके आने वाले चुनावी पराजय की गारंटी है।





























