रामेश्वर महाविद्यालय में गुरुवार को आई.क्यू.ए.सी.और एन.एस.एस. के संयुक्त तत्त्वावधान में “वर्तमान परिदृश्य में महात्मा गांधी के विचारों की प्रासंगिकता” विषय पर एक ऑनलाइन राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित हुई। संगोष्ठी की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो.श्यामल किशोर ने की ।अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि देश में जब -जब समस्याएं बढ़ेंगी तब -तब गांधी जी के विचारों की प्रासंगिकता अधिक प्रभावी होगी ।गांधी जी का जीवन ही संदेश था ।वे साम्प्रदायिक सद्भाव व राष्ट्रीय एकता के प्रतीक थे । संस्कृति , संस्कार व शिक्षा,सेवा तथा कौशल विकास जैसे आदर्श विचारों पर चलकर ही देश विकसित हो सकेगा ।
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि बी एच यू, वाराणसी के सेवानिवृत्त दर्शनशास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो.डी .एन.तिवारी ने कहा कि गांधी जी एक महान् चिन्तक व विचारक थे।उनके विचार सत्य, अहिंसा , अपरिग्रह,स्वावलम्बन , स्वदेशप्रेम , सर्वधर्म समभाव, नैतिकता , सदाशयता, निर्भयता, तपस्चर्या,त्याग ,शुद्ध आहार- व्यवहार ,नशामुक्ति, सर्वोदय -अन्त्योदय , मानवीय मूल्य आधारित कर्तव्य निष्ठा आदि आज भी प्रासंगिक व हमारे लिए अनुकरणीय आदर्श हैं। उन्होंने गांधी जी के सप्तशील सिद्धांतों की विशद चर्चा की ओर कहा कि वर्तमान समय में राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय राजनीति और सामाजिक व्यवस्था में उनको स्थान देना होगा,जिससे परस्पर अन्तर्द्वन्द समाप्त होकर भ्रष्टाचारमुक्त, समरसता , अस्पृश्यता निवारण व सदाचार द्वारा विश्वबन्धुत्व की भावना उजागर होगी ।
पूर्व प्राचार्य प्रो.ब्रह्मचारी व्यास नन्दन शास्त्री ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ संगोष्ठी की शुरुआत करते हुए कहा कि आज हम देशवासियों को महात्मा गांधी और लालबहादुर शास्त्री जैसे महापुरुषों के जीवन -दर्शनों ,विचारों , सिद्धांतों व
सादा जीवन उच्च विचार के आदर्शों तथा नैतिक मूल्यों को जीवन में अपनाने से ही भारत देश पुनः विश्वगुरु के पद पर आसीन हो सकता है।
संगोष्ठी का संचालन आई.क्यू.ए.सी के समन्वयक प्रो.रजनी रंजन ने किया। धन्यवाद ज्ञापन एन एस एस कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ.शारदा नन्द सहनी ने किया। वहीं संगोष्ठी का संयोजन डॉ.महजबीन परवीन ने किया।
कार्यक्रम के पूर्व एन एस एस की ओर से महाविद्यालय में राष्ट्र पिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण किया गया।
कार्यक्रम में डॉ.सुमित्रा कुमारी डॉ.बादल कुमार, डॉ.राजबली राज , डॉ.अविनाश कुमार, डॉ.राकेश कुमार सिंह , डॉ.पूनम कुमारी , डॉ.पी एन शर्मा सहित शिक्षकों ,शिक्षकेतर कर्मियों व छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।


























