अनुप कुमार -जमुई | कंट्री इनसाइड न्यूज एजेंसी/सिकंदरा विधानसभा क्षेत्र में चुनावी बयार तेज़ हो गई है और इस बार कांग्रेस से बिनोद कुमार चौधरी का नाम सबसे प्रबल दावेदार के रूप में उभर रहा है। दलित, पिछड़ा, महिला और युवा वर्ग के बीच उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। ‘घर-घर कांग्रेस झंडा’ अभियान से लेकर ‘माई बहिन मान’ संवाद तक, बिनोद कुमार चौधरी ने ज़मीनी स्तर पर जिस तरह सक्रियता दिखाई है, उसने उन्हें बाकी प्रत्याशियों से अलग खड़ा कर दिया है।
सियासी समीकरणों के बीच सबसे सधा हुआ चेहरा
जहां एनडीए की तरफ से प्रत्याशी को लेकर असमंजस की स्थिति है और आरजेडी इस सीट पर कभी निर्णायक नहीं रही, वहीं कांग्रेस के लिए बिनोद कुमार चौधरी एकमात्र ऐसा चेहरा हैं जो जातीय संतुलन, जनसंपर्क और विकास का समन्वय बखूबी साधते हैं।
राहुल गांधी की नज़दीकी और पार्टी नेतृत्व में भरोसा
फरवरी 2025 में पटना में आयोजित बाबू जगलाल चौधरी जयंती समारोह में राहुल गांधी की उपस्थिति और उसका आयोजन बिनोद चौधरी के नेतृत्व में होना, यह बताता है कि वे सिर्फ स्थानीय नहीं बल्कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के भी विश्वासपात्र हैं।
महिलाओं और युवाओं में जबरदस्त उत्साह
“अबकी बार, ईमानदार नेतृत्व – बिनोद चौधरी सरकार” जैसे नारों के साथ ग्रामीण इलाकों में जनसमर्थन की लहर देखी जा रही है। महिलाओं में ‘माई बहिन मान’ योजना को लेकर विशेष लगाव है, और युवाओं के बीच रोजगार संवाद ने उन्हें आशा का प्रतीक बना दिया है।
निष्कर्ष:
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सिकंदरा सीट इस बार परिवर्तन की राह पर है। और यह परिवर्तन बिनोद कुमार चौधरी के नेतृत्व में ही संभव है। कांग्रेस अगर जीत का परचम लहराना चाहती है, तो यह सीट बिनोद चौधरी को सौंपकर सामाजिक न्याय और जनसंवाद की राजनीति को आगे बढ़ा सकती है।