kaushlendra Pandey/जद (यू) प्रदेश प्रवक्ता श्री हिमराज राम और श्री परिमल कुमार ने मीडिया में जारी बयान में कहा कि लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी राज के दौरान बिहार में हुए कुल 118 नरसंहारों को आजतक राज्य के लोग भूले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस नरसंहार के चलते सैंकड़ों निर्दोष लोगों की जान गई और कई माताओं की गोद सूनी हो गई।
प्रदेश प्रवक्ताओं ने आरजेडी पर आरोप लगाते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के शासनकाल के दौरान 5 हजार 243 लोगों के फिरौती के लिए अपहरण हुए जबकि 12 हजार से अधिक दुष्कर्म की घटनाएं हुई। उन्होंने कहा कि दूसरों पर सवाल उठाने से पहले आरजेड को पहले अपने गिरेबां में झांकना चाहिए और बिहार के लोगों से माफी मांगनी चाहिए। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की सरकार में आज कोई अपराधी अपराध कर बच नहीं सकता है और उसे कानून के मुताबिक सजा मिलती है। आरजेडी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद के शासनकाल में तो पीड़ितों को न्याय मिलना तो दूर आपराधिक घटनाओं की एफआईआर तक नहीं लिखी जाती थी। जबकि आज मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के शासनकाल में पीड़ित ऑनलाइन एफआईआर भी दर्ज करा सकते हैं और उन्हें कानून के उचित प्रावधानों के तहत न्याय भी मिलता है साथ ही पुलिस अपराध करने वालों को जेल के अंदर भी भेजने का काम करती है।
अपनी पुत्री के विवाह में लालू जी ने अनेकों कार शो रूम से जबरन उठवा लिया था, जिनके शासनकाल में अपराध और अपराधियों को बचाने की डील मुख्यमंत्री आवास में हुआ करती थी वो आज मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार सरकार को अपराध के मामले में ज्ञान ना दें। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के शासन काल में कुल मिलाकर 130 दंगे हुए और इन दंगों में 26 हजार लोगों की मौत हुई। प्रदेश प्रवक्ताओं ने कहा कि बिहार की जनता आरजेडी के झूठ में फंसने वाली नहीं है और वो अच्छी तरीके से जानती है कि कौन उसका विकास कर सकता है और कौन उसकी सुरक्षा कर सकता है। आरजेडी को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि लोगों के बीच भ्रम फैलाने की बजाए आरजेडी को अपने शासनकाल में किए गुनाहों की बिहार की जनता से माफी मांगनी चाहिए।