रिपोर्ट – कौशलेन्द्र पाण्डेय/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश और दुनिया को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि “न्यूक्लियर ब्लैकमेल” अब भारत नहीं सहेगा। राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी एक अहम बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने यह बयान दिया, जो पड़ोसी देशों द्वारा बार-बार दी जा रही परमाणु धमकियों के संदर्भ में देखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत शांति का पक्षधर है लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि हम कमजोर हैं। उन्होंने कहा कि भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और आत्मसम्मान के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत की परमाणु नीति ‘नो फर्स्ट यूज’ (पहले हमला नहीं) पर आधारित है, लेकिन यदि देश को मजबूर किया गया, तो जवाब देने में भारत पीछे नहीं हटेगा।
प्रधानमंत्री के इस बयान को वैश्विक स्तर पर एक कड़े रुख के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की सामरिक क्षमताएं पूरी तरह सक्षम हैं और देश हर चुनौती का सामना करने को तैयार है।
देशभर में प्रधानमंत्री के इस बयान की सराहना हो रही है और इसे भारत की मजबूती और आत्मनिर्भरता का प्रतीक माना जा रहा है।