कंट्री इनसाइड न्यूज एजेंसी/बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के मंच पर युवा निर्देशक एवं नृत्याचार्य श्वेत शरण के निर्देशन में “धरोहर” शीर्षक से ‘एक शाम भारतीय संस्कृति के नाम’ नृत्य समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर भारत की लोक-संस्कृति के साथ कथक, ओड़िशी और भरतनाट्यम जैसे शास्त्रीय नृत्य रूपों की प्रभावशाली प्रस्तुतियाँ हुईं।
कार्यक्रम का उद्घाटन सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. अनिल सुलभ ने किया। मंच पर कला मंत्री डॉ. पल्लवी विश्वास, प्रचार मंत्री कुमार अनुपम, प्रबंध मंत्री कृष्ण रंजन सिंह, भवन अभिरक्षक प्रवीर पंकज, वरिष्ठ कलाकार मीना सिंह और बक्शी विकास सहित अनेक कलाकार एवं प्रबुद्ध दर्शक उपस्थित थे।
ओडिसी में इमली दासगुप्ता, भरतनाट्यम में ताराशंकर धीर और कथक में शिवम शुक्ल, प्रियाश्री, अमित कुमार तथा बक्शी विकास की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। दर्शकों ने करतल ध्वनि से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।
वरिष्ठ नृत्यांगना यामिनी शर्मा ने मंच संचालन किया। ओडिसी समूह नृत्य में प्रांजल, काशिका पांडेय, निष्पा बनर्जी, अलेख्या, आराध्या, मानसी और बाव्रवी ने हिस्सा लिया, जबकि भरतनाट्यम में श्वेतांबरी, दिव्या, प्रेरणा, अनिका, देवासी और अथर्व ने अपनी प्रस्तुति दी।
कथक प्रस्तुति में तबला और बोल पढ़ंत गुरु बक्शी विकास, सूरज पांडेय द्वारा तथा हारमोनियम एवं गायन अजित पांडेय द्वारा किया गया। वहीं, किड्स झिझिया में काशवी, सानविका, मिशिका, सिद्धि, आन्या, ओजस्वी और गौरिका की प्रस्तुति ने विशेष आकर्षण बटोरी।