प्रिया सिन्हा /उप संपादक /राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी और सत्ता सुख भोग चुके सुभाष यादव द्वारा दिए गए बयान पर जदयू के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. निहोरा प्रसाद यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए।डॉ. निहोरा प्रसाद यादव ने कहा, “हम पहले भी कहते थे कि राजद शासनकाल में बिहार में ‘जंगल राज’ था। लोग भय के साए में जीते थे, लूट, हत्या, बलात्कार और अपहरण आम बात हो गई थी, लेकिन राजद इसे स्वीकारने को तैयार नहीं था। अब लालू प्रसाद यादव के साले सुभाष यादव ने खुद यह स्वीकार कर लिया है कि मुख्यमंत्री आवास से लोगों का अपहरण कराया जाता था और फिरौती लेकर छोड़ा जाता था। हत्याएं और नरसंहार प्रायोजित किए जाते थे।उन्होंने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ बयान देते हैं, उन्हें पहले अपने माता-पिता के शासनकाल के भ्रष्टाचार के बारे में भी लोगों को बताना चाहिए। उन्होंने कहा, “जिस सरकार में लूट, हत्या, बलात्कार और अपहरण जैसी घटनाएं आम थीं, जहां फिरौती खुद सीएम हाउस से वसूली जाती थी, उससे ज्यादा भ्रष्टाचार और क्या हो सकता है? भ्रष्टाचारी व्यक्ति को भ्रष्टाचार पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।डॉ. निहोरा ने दावा किया कि वर्तमान केंद्र और राज्य सरकार बिहार के विकास के लिए लगातार काम कर रही है, लेकिन विरोधियों को यह विकास दिखाई नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा, “बिहार अब लालटेन युग से निकलकर एलईडी युग में आ चुका है। कुएं के पानी की जगह हर घर में नल-जल की सुविधा दी गई है। पहले जहां कीचड़ और गड्ढों से भरी सड़कें थीं, वहां अब पक्की सड़कें बन गई हैं। बिहार में अब 20-22 घंटे बिजली रहती है। लेकिन कुछ लोगों को यह विकास नहीं दिखता।
