पटना, ५ दिसम्बर। बिहार में दिव्यांग व्यक्तियों और विशेष-बच्चों के सम्यक् पुनर्वास के लिए समाज कल्याण विभाग की भाँति ‘दिव्यांग कल्याण और पुनर्वास विभाग’ सृजित करना नितान्त आवश्यक है। भारत सरकार समेत देश के अनेक प्रांतीय सरकारों में यह विभाग है। अलग से विभागीय मंत्री, प्रधान सचिव एवं अन्य अधिकारी होने से इस विषय पर गम्भीरता से कार्य हो सकेंगे। तभी विकलांगता अधिनियम का भी समुचित अनुपालन हो सकेगा।यह बातें गुरुवार को, बेउर स्थित इंडियन इंस्टिच्युट ऑफ हेल्थ एडुकेशन ऐंड रिसर्च द्वारा विगत १ दिसम्बर से शुरू हुए पाँच दिवसीय विश्व विकलांग दिवस समारोह के समापन के अवसर पर अपने अध्यक्षीय भाषण में संस्थान के निदेशक-प्रमुख डा अनिल सुलभ ने कही। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा बिहार में वर्ष १९९० से आरंभ किया गया ‘विश्व विकालांग दिवस समारोह’ अब व्यापक हो चुका है। जो उत्सव आरंभ के १५ वर्षों तक केवल हमारे संस्थान द्वारा आयोजित होता था, अब अनेक संस्थाओं द्वारा और राज्य सरकार द्वारा भी आयोजित हो रहा है। किंतु अब तक सहानुभूति के शब्दों की वृद्धि तो हुई है, ठोस कार्य नहीं हो पाए हैं। समारोह के मुख्य अतिथि और पटना उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि आदमी मन से नहीं तन से विकलांग होता है। तन की विकलांगता का पुनर्वास संभव है, मन का कठिन है। मनुष्य का चिंतन विकलांग हो जाए तो उससे व्यक्ति और समाज की बड़ी क्षति हो सकती है, जो आज दिखाई पड़ रही है। इस अवसर पर, विगत दिनों विशेष-बच्चों के बीच संपन्न हुई, खेलकूद,संगीत और नृत्य की प्रतियोगिताओं के सफल विशेष-बच्चों,साहिल कुमार, आद्विक यदुवंशी, रोहन कुमार, पुष्कर प्रियदर्शी , दिव्यान रंजन,कियान कृतिन, मेधा राज, शालिनी सिंह, सुदिति धर, अनोखे लाल, यशनील गौरव, आरूष सोनी को पदक देकर पुरस्कृत किया गया। पदक पाकर उनके खिले चेहरे, वहाँ उपस्थित उनके अभिभावकों और शिक्षकों को भी आनंदित कर रहे थे। बिहार विकलांग अधिकार मंच के राज्य सचिव चर्चित युवा दिव्यांग राकेश कुमार, प्रो संजीत कुमार, डा रूपाली भोवाल, सूबेदार संजय कुमार, डा नवनीत कुमार, डा आदित्य ओझा, विशेष शिक्षिका तिया कुमारी, प्रो देव राज , प्रो मधुमाला, प्रो प्रिया तिवारी, प्रो जया कुमारी, डा ओम् प्रकाश भारती, अमरनाथ श्रीवास्तव, बेबी कुमारी, मीनू देवी तथा रीता देवी समेत बड़ी संख्या में पुनर्वास-कर्मी एवं छात्रगण उपस्थित थे। समारोह का संचालन डा संतोष कुमार सिंह ने किया।