प्रिया सिन्हा, चीफ सब एडिटर.
बिहार में बड़े पैमाने पर रेलवे घोटाले के खुलासा हुआ है। दरअसल, भारतीय रेलवे में मृतकों को मिलने वाले मुआवजा में बड़ी गड़बड़ी भी सामने आई है। रेलवे की शिकायत पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने तीन एफआईआर दर्ज कर दी है और मामले की जांच भी शुरू कर दी है। बता दें कि एक एफआईआर 29 जनवरी और दो एफआईआर 30 जनवरी को दर्ज की गई हैं।
बिहार की राजधानी पटना में क्लेम्स ट्रिब्यूनल में डेथ क्लेम (मौत का दावा) के केस फाइल किए गए थे और मुआवजे की मामूली रकम दावेदारों को दी गई थी, जबकि बाकी रकम जब्त कर ली गई थी। इस गड़बड़ी में रेलवे के अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आ चुकी है।
यही नहीं, सीबीआई की जांच में खुलासा हुआ कि साल 2015 से 2017 के बीच अज्ञात रेलवे कर्मचारियों ने एडवोकेट कुमारी रिंकी सिन्हा और एडवोकेट बिद्यानंद सिंह और अन्य अज्ञात के साथ मिलकर रेलवे के साथ धोखाधड़ी की साजिश रची थी। सीबीआई के अनुसार इस आपराधिक साजिश के तहत एक्सीडेंटल डेथ के केस में मिले मुआवजे की मामूली रकम शिकायतकर्ताओं को दी गई थी और बाकी की रकम को साजिश रचने वालों ने गबन कर लिया था।
अब सीबीआई ऐसे 2500 से ज्यादा एक्सीडेंटल डेथ मामलों की जांच कर रही है… सीबीआई को पता चला है कि रेलवे क्लेम्स ट्रिब्यूनल में एडवोकेट कुमारी रिंकी सिन्हा और एडवोकेट बिद्यानंद सिंह ने एक्सीडेंटल डेथ के कुछ मामलों में दावेदारों की तरफ से पैरवी की थी। इन मामलों में वकीलों की टीम ने इनका समर्थन खूब किया है और इस गड़बड़ी को देखते हुए सीबीआई ने आवेदनकर्ताओं से उनके बैंक अकाउंट का पूरा विवरण देने को कहा है।